101. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

101. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

101. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

धम्मो बंधु सुमित्तो य ,

धम्मो य परमो गुरु ।

मुक्खमग्ग पयट्टाणं ,

धम्मो परमसंदणी ॥१०१ ॥

: अर्थ :

धर्म बन्धु और अच्छा मित्र है । धर्म परमगुरु है । मोक्षमार्ग में प्रवृत्त व्यक्ति के लिए धर्म श्रेष्ठ रथ है ।।101 ॥

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