Categories : Jain Stotra, JAINISM 11. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक बंधवा सुहिणो सव्वे , पियमायापुत्तभारिया । पेयवणाउ नियत्तंति , दाऊणं सलिलंजलिं ॥११ ॥ : अर्थ : सभी बान्धव , मित्र , पिता , माता , पुत्र , पत्नी आदि मृतक के प्रति जलांजलि देकर श्मसानभूमि से वापस अपने घर लौट आते हैं ।।11 ।। Related Articles 3. Shree Uvvasaggaharam Stotram | श्रीउवसग्गहरं स्तोत्रम् 2. Namskar Mantrastotram | नमस्कार मन्त्रस्तोत्रम 1. Aatma Raksha Stotra | आत्मरक्षास्तोत्रम् 104. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक 103. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक