Categories : Jain Stotra, JAINISM 6. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक दिवस – निसा – घडिमालं , आउं सलिलं जियाण घेत्तूणं । चंदाइच्चबइल्ला , कालऽरहट्टं भमाडंति ॥६ ॥ : अर्थ : चन्द्र और सूर्य रुपी बैलों से जीवों के आयुष्य रुपी जल को दिन और रात रुपी घट में ग्रहण कर काल रुपी अरहट जीव को घुमाता है ॥6 ॥ Related Articles 3. Shree Uvvasaggaharam Stotram | श्रीउवसग्गहरं स्तोत्रम् 2. Namskar Mantrastotram | नमस्कार मन्त्रस्तोत्रम 1. Aatma Raksha Stotra | आत्मरक्षास्तोत्रम् 104. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक 103. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक