74. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

74. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

74. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

डहरा वुड्ढा य पासह ,

गब्भत्था वि चयंति माणवा ।

सेणे जह वट्टयं हरे ,

एवं आउखयंमि तुट्टइ ॥ ७४ ॥

: अर्थ :

देखो ! बाल , वृद्ध और गर्भ में रहे मनुष्य भी मृत्यु पा जाते हैं । जिस प्रकार बाज पक्षी तीतर पक्षी का हरण कर लेता है , उसी प्रकार आयुष्य का क्षय होने पर यमदेव जीव को उठा ले जाता है ।। 74 ॥

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