90. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

90. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

90. Vairagya Shatak | वैराग्य शतक

कीलसि कियंत वेलं ,

सरीर वावीइ जत्थ पइ समयं ।

कालरहट्टघडीहिं ,

सोसिज्जइ जीवियंभीहं ॥१० ॥

: अर्थ :

इस देशरूपी बावड़ी में तू कितने समय तक क्रीड़ा करेगा ? जहाँ से प्रति समय कालरुपी अरहट के घड़ों द्वारा जीवनरूपी पानी के प्रवाह का शोषण हो रहा है ।।90 ॥

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