प्रश्न: श्री नाभिराजा और मरूदेवी माता युगलिया थे अथवा नहीं ? यदि थे, तो मरूदेवी माता मुक्ति कैसे पा गई, क्योकि युगलिया की गति तो देवलोक की है ?
उत्तर : नाभि कुलकर और मरूदेवी माता जन्म से युगलिक = साथ जन्में हुए थे, फिर भी उन का समय युगलत्व अकर्म-भूमि के अंत का और कर्म-भूमि के प्रारंभ का था । तदनुसार किसी के जोड़ा युगलिक का और किसी के कर्म-भूमि का तथा किसी के युगल में से एक कर्म-भूमिज और एक अकर्म-भूमिज भी हो जाता था । अकर्म से कर्म-भूमि का वह परिवर्तन काल था । उसमें जिसकी आयु एक करोड़ पूर्व से कुछ भी अधिक होती, तो वह अकर्म-भूमिज ही होता और करोड़ पूर्व तक की आयु वाला कर्म-भूमिज होता है । श्री मरूदेवी की आयु करोड़ पूर्व से अधिक नहीं थी, इसलिए वे कर्म-भूमिज थे और मोक्ष पाए । श्री नाभि कुलकर की आयु करोड़ पूर्व से कुछ ही अधिक थी, अतः वे अकर्म-भूमिज रह कर देवलोक में भवनपति देवों में गए और पुनः मानव भव पा कर भगवान् ऋषभदेव के शासन में मोक्ष गए ।