वर्तमान में विद्यमान वर्षीतप के दो रिकॉर्ड तपस्वी
श्रमण भगवान महावीर स्वामी जी ने फरमाया था कि इस जगत का आधार महापुरुषों का तप एवं संयम है। इस पंचम काल के वर्तमान समय सम्पूर्ण जैन समाज में ऐसे दो महान तपस्वी भगवंत विद्यमान हैं जिनकी वर्षीतप की तपस्या सभी रिकॉर्ड से परे है –
1. अंचलगच्छ के शासनप्रभावक आचार्य भगवंत श्री गुणोदयसागर सूरीश्वर जी के 50वें वर्षीतप का पारणा आज अक्षय तृतीय को धर्मनगरी सूरत (गुजरात) में हुआ। अब वे 51वें वर्षीतप की ओर अग्रसर हैं।
2. तपागच्छ के शासनप्रभावक आचार्य भगवंत श्री विजय वसंत सूरीश्वर जी के अखण्ड 49वें वर्षीतप का पारणा आज अक्षय तृतीय को ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर (उ.प्र.) में हुआ। अब वे अखण्ड 50वें वर्षीतप की ओर अग्रसर हैं।
सम्पूर्ण जैन समाज की ओर से ऐसे महातपस्वी, तपसूर्य, तपयोग की तेजस्विता के धनी, तपोमयी विभूतियों के चरणों में कोटिशः कोटिशः नमन
गुरुदेव दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें और हम भी गुरुदेव की भांति तप में निमग्न हों, यही मंगल कामना..
– जिनशासन का हर एक श्रावक