Dhanya Dhanya Angar | Jain Diksha Song |Hindi Lyrics

Dhanya Dhanya Angar | Jain Diksha Song |Hindi Lyrics

धन्य धन्य अणगार (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत

धन्य धन्य अणगार-2

जिनशासन शणगार

धन्य धन्य अणगार

तू पंच समिति वान , त्रण गुप्ति तारा प्राण,

तू संयम मा मस्तान , धन्य धन्य अणगार,

तू षटकायों नी माता , तुज़थी सहु पामे शाता ,

गरवी तारी गुण गाता , धन्य धन्य अणगार,

ते मोह भाव उगाड्यो , ते प्रमाद पंख पखालयो,

ते आतम ने अजवाडयो , धन्य धन्य अणगार,

    जिनशासन शणगार , धन्य धन्य अणगार,

महाज्ञानी तू , गुणखानी तू,

निर्माणी तू , निर्वाणी तू,

    महाज्ञानी , गुणखानी , निर्माणी , निर्वाणी

तू शासन नो सेनानी , धन्य धन्य अणगार-2

तू जिन आणा ने पाले , गुरु आणा ए चाले,

समता सुख मा माने , धन्य धन्य अणगार,

ते परम तत्त्व ने जाण्यो , ते आत्म स्वरूप पिछणयो,

ते साचा सुख ने मान्यो , धन्य धन्य अणगार,

ना गुजरे कोई बंधन , तुझ दर्शन दोष निकंदन,

तने अमारा वंदन , धन्य धन्य अणगार,

    जिनशासन शणगार , धन्य धन्य अणगार

तुझ मुखड़ू मलके मलख मलख , 

तुझ वीरता चलके चलक चलक,

तुझ करुणा छलके छलक छलक,

तप तेज झळके झळक झळक

तू अलख अलख गुणधार,

धन्य धन्य अणगार,

तू प्रसन्नता नो सिंधु , तू जगत जीव नो बंधु,

हु तारी आगळ बिंदु , धन्य धन्य अणगार,

तू अध्यात्म नी मस्ती , तू सद्गुण नी प्रशस्ती,

तू कलिकाल नी हस्ती , धन्य धन्य अणगार,

ते रह्यो जीवन नो सार , ते सफल कर्यो अवतार,

तू तरी गयो संसार , धन्य धन्य अणगार,

      जिनशासन शणगार , धन्य धन्य अणगार

तू शान छे , सनमान छे,

तू गान छे , तू ज्ञान छे,

तू प्राण छे , अरमान छे,

    तुझ काज प्राण कुर्बान छे,

तुझ ध्यान धरु हु अजमान , 

धन्य धन्य अणगार,

सत्व नी पुष्टि तू , तत्व नी सृष्टि तू,

मोहभय मुष्टि तू , हृदय नी संतुष्टि तू,

करो अहोभाव नी वृष्टि-3 , धन्य धन्य अणगार,-2

तारा तप नी ना सेना , सोहे तुझ प्रतिमा,

अन्य छे अवनी मा , हँसरत्न मनोहार , 

धन्य धन्य अणगार

हँसरत्न मनोहार , धन्य धन्य अणगार

   धन्य धन्य अणगार , जिनशासन शनगार

आतम ना हितकार,करे शुद्ध शणगार,

सहुनो करे उद्धार  , धन्य धन्य अणगार,

         

 धन्य धन्य अणगार , जिनशासन शणगार

      धन्य धन्य अणगार

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