Aayi Hai Savaari Gururaj ki | Jain Stavan | Hindi Lyrics

Aayi Hai Savaari Gururaj ki | Jain Stavan | Hindi Lyrics

Aayi Hai Savaari Mere Gururaj Ki (Hindi Lyrics) Jain Stavan

खुश्बु फुलोंकी यहां रुक गई है । 

शाखाएं तरुकी यहां झुक गई है । 

खुश्बु फुलोंकी यहां रुक गई है । 

शाखाएं तरुकी यहां झुक गई है । 

आई है सवारी मेरे गुरुराज की ।…(5)

गुरु है सुकान, गुरु आसमान, 

गुरु गुणवान, गुरु प्रीतप्राण ।

गुरु वाणी तेज, गुरु वचन तेज, 

गुरु द्रष्टि तेज, गुरु परमतेज ।

जीवन गुरु, है शुभ संग गुरु, 

ध्यानम् गुरु, है सुमीरन गुरु । 

गुरु है वसंत, गुरु है अनंत, 

गुरु गुण मे धुर, गुरु कोहिनूर । 

संग गुरुवर का, पान अमृत का, 

रंग संवेग, पथ मोक्ष मंझील का ।

संग गुरुवर का, पान अमृत का, 

रंग संवेग, पथ मोक्ष मंझील का ।

रंग संवेग, पथ मोक्ष मंझील का ।

नैया अब मेरी भवपार भई है, 

नैया अब मेरी भवपार भई है, 

आई है सवारी मेरे गुरुराज की । ..(5)

राग का त्याग हो, त्याग का राग हो, 

श्रमणका वेष हो, आत्म ऊजमाल हो | 

राग का त्याग हो, त्याग का राग हो, 

श्रमणका वेष हो, आत्म ऊजमाल हो | 

श्रमणका वेष हो, आत्म ऊजमाल हो | 

ममता की डोरी अब छुट गई है, 

ममता की डोरी अब छुट गई है, 

आई है सवारी मेरे गुरुराज की ।…(7)

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