मंत्र :
अल्पश्रुतं श्रुतवतां परिहास-धाम,
त्वद्भक्ति-रेव-मुखरी-कुरुते बलान्माम् ।
यत्कोकिलः किल मधौ मधुरं विरौति,
तच्चाम्र-चारु-कालिका-निकरैक-हेतु ॥
मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला
परिणाम : विद्या का विकास होता है और वाणी के दोष दूर होते हैं।