हे जिनेश्वर… हे परमेश्वर… हे व्हालेश्वर…
हे दिनबंधु… हे जीवबंधु… हे जगबंधु…
तारणहारा… पालनहारा… रक्षणहारा मारा…
प्रीतम प्यारा… व्हालम व्हाला… मोहनगारा मारा…
हूं बाळ तमारो छु, तमारो वहाल चाहुं छु,
तमे राखजो माथे हाथ, तमे बनजो मारी मात,
तमारो प्रेम चाहुं छु…
व्हालो प्यारो मीठडो मारो, उपकारी जिणंद,
खोळे पोढाळी आपे, आतमनो आनंद,
तें खूब दीधो मने प्रेम, एनो आभार मानु छु… ॥ १॥
राग तोडी वैराग्य जगाडे, एवो तारो स्नेह छे,
काढो कषायो उरना भयवं! मम मुंडावेह,
रहेवा सद्गुरू संगाथे, हवे संयम याचुं छु…