Virti dharni vesh hindi lyrics

Virti dharni vesh hindi lyrics

विरतिधरनो वेष प्यारो प्यारो लागे रे,

संसारीनो संग खारो खारो लागे रे

भवसागर छे भारी मुजने, तरता ना फावे,

तरवानी घणी होंश मुजने, कोण हवे उगारे,

संयमनो आ पंथ, तारणहारो लागे रे… संसारी…

साचा सुखने शोधुं हुं, मने मारग कोण देखाडे ?

आंगळी मारी पकडो मुजने मुक्ति पंथ बतावे,

सदगुरु नो संग एक ज साचो लागे रे… संसारी…

रजोहरण मेळववानो हवे, मन मारुं लोभायुं,

गुरुकुळमां वसवाने काजे दिल मारुं ललचायुं,

महावीर तारो मार्ग, कामणगारो लागे रे… संसारी…

Related Articles