अरिहंतना ध्याने अरिहंत बनी जशो (२ बार),
जिननी भक्ति करतां करतां जिन बनी जशो,
जिननी भक्ति करतां करतां जिन बनी जशो
वीर प्रभुना ध्याने महावीर बनी जशो (२ बार),
जिननी वाणी सुणतां साचा जैन बनी जशो,
जिननी वाणी सुणतां साचा जैन बनी जशो
आ संसारे भमतां भमतां चाहे प्राणी सुखने,
सुखनी पाछळ दोट मूके पण पामे भारे दुःखने,
प्रभुनां चरणे रहेतां रहेतां सुखी बनी जशो, जिननी भक्ति…
स्वारथनी आ दुनिया केवी सुखमां भाग पडावे,
कोईक दुःखमां दूर थाये तो कोईक वधु रिबावे,
प्रभुना पंथे वहेतां वहेतां संत बनी जशो, जिननी वाणी…
परमकृपाळु तुजने पामी बीजे शाने जावं,
भ्रमर बनी ईयळनी पेरे एक ज तुजने ध्यावु,
वीर प्रभुने गातां गातां महान बनी जशो, जिननी भक्ति…