वंदन तारा चरणमां तुं, रागी मटी त्यागी पंथे जाय.. (२)
श्रमण बनी.. नवकार मंत्रमां समाय.. सघळा संसारने
भीतरथी विसरी.. (२) वैरागी रंगे रंगाय..
रागी मटी त्यागी पंथे जाय.. वंदन तारा चरणमां..
संग साहेबनो, रंग वैराग्य नो, सत्संग सद् गुरुदेवनो.. (२)
त्याग राग संगनो, राग श्वेत रंग नो,
भाव मळे श्री वितरागनो… (२) भीतरे संयम लहेराय..
रागी मटी त्यागी पंथे जाय.. वंदन तारा चरणमां..
नेम गमे वीर गमे, राजुलनु गीत गमे, गौतम झलके आंखमां.. (२)
चंदनानी प्रीत गमे, सुलसा नी रीत गमे, रेवती धबके धबकारमां.. (२)
कर्मो कठिन करमाय.. रागी मटी त्यागी पंथे जाय..
वंदन तारा चरणमां..