महावीर जेनी समता
तोले कोई न आवे उपसर्गों मां राखे समता,
परिषहो मां राखे समता अनुकूलता मां प्रतिकुलता मां,
समभावे जे रहेता, महावीर जेनी…
गोवाल कानमां खीला नाखे,
खरक ज्यां आवी खीला काढे बन्ने प्रसंगो अविचल रहीने,
साक्षी भावे निरखतां महावीर जेनी…
परभावो थी जे विरमता,
शुद्ध स्वभावे प्रतिपल रमता संकल्पो ने विकल्पोना,
जाला जे परिहरता महावीर जेनी…
इच्छाओने जीते महावीर,
समता रसमां झीले महावीर एना पगले चाली अमे पण,
वरीये साची समता महावीर जेनी…