गिरनार छे मारा श्वासमां, मारो हृदय वसे ऐ नेम छे,
एनी करुणानो कोई मोल नाथी, आ तो धरती नहीं स्वर्ग छे,
हरियाला गिरनार है वाला, एनी महिमा निराली छे,
गढ गिरनारे संयम लीधु, तुं मारो तारणहारो छे,
नेमि नमामि नेमि, पशुओना प्रेमी, राजुलना नेमी… (१)
नेमिनाथ मारा शामलिया रे, तारो एक सहारो छे,
गढ गिरनारे संयम लीधु, तुं मारो तारणहारो छे,
नेमि नमामि नेभि, पशुओना प्रेमी, राजुलना नेमी… (२)
हुं रोज तने वंदन करूं, तो पावन थई जाए मारूं मन,
मारा नेमनी धजा लहरती तो, महके आ धरती गगन,
राजुल रानी तमने भजती, एनो जनम सवार्यो छे,
गढ गिरनारे संयम लीधु, तुं मारो तारणहारो छे,
नेमि नमामि नेमि, पशुओना प्रेमी, राजुलना नेमी… (३)
नेमिनाथ मारा शामलिया रे, तारो एक सहारो छे,
गढ गिरनारे संयम लीधु, तुं मारो तारणहारो छे,
नेमि नमामि नेमि, पशुओना प्रेमी, राजुलना नेमी… (४)