भव यात्रानी, मंझिल पामवाना,
गुरु मुखेथी मैं तो, कोल लीधा छे,
मोक्ष महेलोनी महेफिलमां, मोज करूं,
प्रभु ए एवा, संकेत दीधा छे,
अनंता ए ओघाना, ढगला मही,
आ अंतिम ओघो, थईने डोले..
मन संयम संयम, संयम बोले,
आत्मा एनी, जंजीरोने खोले….(१)
कंईक जन्मोमां, दोषो सेवीने,
आत्मा ए कर्मोना, विष पीधा छे,
आठ कर्मोने, तोडवाना काजे,
आठ माताओ ए, आशिष दीधा छे,
हवे कर्मने धर्मना, मर्मथी जोडी,
आ अंतिम ओघो….(२)
भले नानुं पण, सिंहनुं बचुं,
सत्व अंतरमां लईनेज, जन्म्यो रे हुं,
प्रभु शासनने, प्रभु आज्ञानी,
प्रतिष्ठा ने निष्ठाथी, पाळीश हुं.
हवे सत्व ने तत्व, सम्यक्त्त्वनी साथे,
आ अंतिम ओघो….(३)
मंदिर मुक्तिनुं, आरधवा,
मन संयम संयम, संयम बोले…
ए शाश्वत सुखोने, माणवा,
मन संयम संयम, संयम बोले…
जयघोष शासननो, गुंजाववा,
मन संयम संयम संयम बोले…(४)