Bhav Yatra Nee Manjhil Pamavana (Hindi)

Bhav Yatra Nee Manjhil Pamavana (Hindi)

भव यात्रानी, मंझिल पामवाना,

 गुरु मुखेथी मैं तो, कोल लीधा छे, 

मोक्ष महेलोनी महेफिलमां, मोज करूं,

 प्रभु ए एवा, संकेत दीधा छे, 

अनंता ए ओघाना, ढगला मही,

 आ अंतिम ओघो, थईने डोले.. 

मन संयम संयम, संयम बोले, 

आत्मा एनी, जंजीरोने खोले….(१)

 

कंईक जन्मोमां, दोषो सेवीने, 

आत्मा ए कर्मोना, विष पीधा छे, 

आठ कर्मोने, तोडवाना काजे, 

आठ माताओ ए, आशिष दीधा छे,

 हवे कर्मने धर्मना, मर्मथी जोडी, 

आ अंतिम ओघो….(२)

 

भले नानुं पण, सिंहनुं बचुं, 

सत्व अंतरमां लईनेज, जन्म्यो रे हुं, 

प्रभु शासनने, प्रभु आज्ञानी,

 प्रतिष्ठा ने निष्ठाथी, पाळीश हुं. 

हवे सत्व ने तत्व, सम्यक्त्त्वनी साथे, 

आ अंतिम ओघो….(३)

 

मंदिर मुक्तिनुं, आरधवा,

 मन संयम संयम, संयम बोले…

 ए शाश्वत सुखोने, माणवा,

 मन संयम संयम, संयम बोले… 

जयघोष शासननो, गुंजाववा, 

मन संयम संयम संयम बोले…(४)

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