पलने मे महावीर झूले, माता त्रिशला हर्ष भरे….
रत्नों के पलने झूले, माता त्रिशला हर्ष भरे…(१)
इन्द्र इंद्राणी मीले मंगल गावे, देव-देवी सब गीत सुनावे,
शहनाई संग झांझर बजे, माता त्रिशला हर्ष भरे..
रत्नों के पलने झूले, माता त्रिशला हर्ष भरे…(२)
सिद्धार्थ का राज दुल्हारा, निरख रहा तुझे है जग सारा,
लेके बाहोमे तुझकों छुपा, माता त्रिशला हर्ष भरे…
रत्नों के पलने झूले, माता त्रिशला हर्ष भरे…(३)
झूला झूलाती लोरिया गाती, हितशिक्षा का पाठ पढ़ाती,
दुनिया का करेगा भला, माता त्रिशला हर्ष भरे..
रत्नों के पलने झूले, माता त्रिशला हर्ष भरे…(४)