तारो ने मारो संबंध न्यारो, तुं छे ओ वीरा मुज जीवन सहारो,
हवे संग करीश हुं, जल्दीथी तारो, तमे आवो करवा हवे संग मारो…(१)
प्रभु वीरनी राहे, पगला ते मांड्या, शासनमां गवाशे, तुं वीरनी आर्या,
आणा पालनथी, शुभ आलंबनथी, चारित्र हो तारूं, सुलसानी छाया,
निजमा डुबाडी, कर निस्तार गारो…
हवे संग करीश हुं, जल्दी थी तारो, तमे आवो करवा हवे संग मारो…(२)
आ भवनी सफरमां, जेम साथे रह्या छो, एम मोक्षना पंथे, चालो साथे मारी,
संसारनी भारी, ईच्छा सहु मानी, चालो साधना पंथे, कहे ‘अरीहा’ तमारी,
आ बहेन पछीं छे, प्यारा भाईनो वारो…
तमे आवो करवा हवे संग मारो, हवे संग करीश हुं जल्दीथी तारो…(३)
कोई पुण्यना उदये, अहीं आपणे मळिया, आ भवमा मळ्या, भवो भवमां मळशुं,
तारा विना मारे, जीववुं नथी क्यांय, तारा विना हवे, गमशे नहीं क्यांय,
संयोग थयो छे, तो वियोग पाक्को…
हवे संग करीश हुं, जल्दी थी तारो, तमे आवो करवा हवे संग मारो…(४)