Vairagaya Yatra Saiyam Yatra (Hindi)

Vairagaya Yatra Saiyam Yatra (Hindi)

वैराग्य यात्रा संयम यात्रा.. वैराग्ययात्रा अजीत यात्रा..

 

नथी संसारनी कोई कामना, जागी हैयामां संयमनी भावना..

प्रभु वेश मळे, राग द्वेष टळे, ने वैरागी साचो बनुं, 

गुरु आणा भळे, रजोहरण फळे, याचना आ स्वीकारो प्रभु, संयम रे…

संयम रे… मने मळजो मळजो भाव संयम रे..

 संयम रे… संयम रे… मने फळजो आ भवनं संयम रे..(१)

 

रंगीली आ दुनियामा, रंगायो हुं संसारियामां,

 गुरु मळ्या मने मारगमां, हाथ झाली मारो तारवाना, 

मारा व्हाला गुरुराज, मारी तारो जहाज़,

 मळे परमनो पाज, मारे बनवुं जिनराज…(२)

 

साचो पंथ मळे प्रभुमय हर पळे, आतमनों उद्धार करूं,

 प्रभु आणा भळे, रजोहरण फळे, याचना आ स्वीकारो प्रभु, संयम रे… संयम रे… मने मळजो मळजो भाव संयम रे.. 

संयम रे… संयम रे… मने फळजो आ भवनुं संयम रे..(३)

 

वैराग्य यात्रानी मस्तीमां, याद आवे ना मारी हस्ती आ, 

साची समझी संयमनी गरिमा, स्वभावे रहुं विरतिमां,

 मारा राज महाराज, आपो मुक्तिनो ताज,

 सजु संयमनो साज, विरति आपोने आज, 

ओघों आपोने आज, दीक्षा आपोने आज…(४)

 

क्रोध-मान बळे, शुभ ध्यान चळे, कषायोंथी अजीत बनुं,

गुरु आणा भळे, रजोहरण फळे, याचना आ स्वीकारो प्रभु,

संयम रे… संयम रे… मने मळजो मळजो भाव संयम रे..

संयम रे… संयम रे… मने फळजो आ भवनुं संयम रे..(५)

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