मारा नाथ छे गिरनारी,
मारा नाथ ब्रह्मचारी,
मारा नाथ नेमिनाथ तारी,
केवी बलिहारी..
मारा नाथ तारी मूरत,
नयनोने लागे प्यारी,
मारा नाथ नेमिनाथ तारी,
केवी बलिहारी..(१)
गिरनारनी टोचे, शोभे त्रिभुवनना ताज,
जनमो जनमनी प्रीति बांधी तारी साथ,
ओ मारा नेमि रे..ओ प्यारा नेमि रे…
तमे छो जगना तारणहार,
नमामि नेमि…(२)
हैयानो साद छे, तुज मारो खास छे, आतुर हूं तारा दर्शने,
आखोमां नूर छे, करुणा नुं पूर छे,
रेहवू छे तारा चरणे. (३)
तुझ समंदर छे ने, तुझ मारी प्यास,
जनमो जनम प्रीति बांधी तारी साथ,
ओ मारा नेमि रे..ओ प्यारा नेमि रे…
तमे छो जगना तारणहार,
नमामि नेमि…(४)
दरबार तारा तेजे चमके,
मलकी रह्यां सहु फूल,
ढोल नगारा धम-धम धमके,
भक्तो थया मशगूल…(५)