गुरु शब्द विना अधूरूं बधुं छे..
गुरु पामी गया तो मधुरुं बधुं छे…१
फुल बनी जीवनमां साहेब आवे,
खोबो भरी खुश्बुने खुशियों लावे,
गुरु स्नेह स्मित स्पर्शमां सबळुं बधुं छे,
गुरु पामी गया तो मधुरुं बधुं छे….२
साहेबजी… साहेबजी… साहेबजी…३
क्षण-क्षण उत्सव साहेबजीना अंगे-संगे,
प्रेम पुण्यनी शक्तिधारा सद्गुरु रंगे,
गुरु गान ध्यान शानमां उजळुं बधुं छे,
गुरु पामी गया तो मधुरुं बधुं छे…४