अणगारी परंपरा पंथ जावा हैयुं थनगने..
वैरागी परंपरा पंथ जावा हैयुं थनगने..
प्यारी-प्यारी गुरुमाँने संगे
जावा हैयुं थनगने..(१)
(जाग्या रे जाग्या), मारा अहोभाग,
(झाल्यो रे झाल्यो), गुरुमाँ ए हाथ,
छोडी दीधो मैं तो हवे,
स्नेही स्वजन संगाथ,
निग्रँथी परंपरा पंथ
जावा हैयुं थनगने..
वीतरागी परंपरा पंथ
जावा हैयुं थनगने…
ओधो आपो गुरु भगवंत
कहेता हैयुं थनगने..
हुं जाउं परंपराने पंथ…(२)
अष्टप्रवचन मातानी, गोदे रमुं हुं गोदे रमुं,
यतिधर्म पिताने, रोज मळुं हुं रोज मळुं,
खेलुं रत्नत्रयी क्रीडांगणमां,
नित नयनो रमे आगममां,
मम मुंडावेह भगवंत,
कहेता हैयुं थनगने..
मम पव्वावेह भगवंत,
कहेता हैयुं थनगने..
वेसं सम्मपेह भगवंत,
कहेता हैयुं थनगने..
हुं जाउं परंपराने पंथ…(३)
स्वामी ऋषभनी परंपरा, आवी मारे घेर,
चोथी पीढीये जावुं मारे,
संयमपंथ होश भेर…. (४)
आ मारा कुळनी रीत,
(प्रभु बन्या सहुना मीत),
मीठा हालरडामां सुण्या,
(मैं तो संयम केरा गीत),
भवोदधिथी तरण-तारण,
क्यारे मळे मने रजोहरण,
त्यागीओनी परंपरा पंथ
जावा हैयुं थनगने..
उजळी-उजळी परंपरा पंथ
जावा हैयुं थनगने..
ओधो आपो गुरु भगवंत
कहेता हैयुं थनगने..
हुं जाउं परंपराने पंथ… (५)