आपो आपो गुरुवर
आपो संयम मुजने आपो…
हुं तो नृत्य करूं मन मुकी,
भान भूलीने आजे,
मळ्यो छे मने मुक्तिनो पथ,
भवरण तरवा काजे,
मारे थावुं छे अभयम्…
संयम संयम मारे लेवुं संयम… (१)
दर-दर भटक्यो रखड्यो रझड्यो,
ना मळ्युं मने साचुं शरणम्,
निरख्यो तुजने ज्यारे अर्हम्,
दीलडुं आ डोले बोले आ मन,
बनवुं छे हवे श्रमणम्…
संयम संयम मारे लेवुं संयम… (२)
आतम मारो तरस्यो-तरस्यो,
ज्यारे जिनवाणीने फरस्यो,
शीतलता आ केवी व्यापी,
ध्रुज्यो मारो आतम पापी,
तरसुं हवे लेवा संयम…
संयम संयम मारे लेवुं संयम… (३)
बनवुं छे मारे अणगारी,
सजी संयमनो सांज,
बनवुं छे मारे वितरागी,
करी रागनो त्याग,
आपो… गुरुवर आपोने…
मारा मनडानी,
एकज आश रे,
आपने हवे,
संयम संयम मारे लेवुं संयम…. (४)