झूमे है जिनशासन,
परछम छुके पवन,
गाये आज, नेमिनाथ….
आया उत्सव आनंद,
बढते जाए कदम,
तेरे द्वार आज, आदिनाथ…(१)
सबकी किस्मत की रेखा
दादा जानते हो तुम,
अपने भक्तो की सीमा
भी पहचानते हो तुम,
तेरे दर को तरसे
आंखे ना हो इंतज़ार,
आओ जी संघ चले…(२)
छरिपालित संघ महोत्सव
आया है जिनराज,
सब पधारो मिलके जाए
दादा के दरबार….(३)
शत्रुंजय चलो सह मिल गिरनार चलो,
प्रभुने वधावो आजे हिवडे वसावो,
एवा दादाने हवे करिए प्रणाम रे,
आओ जी संघ चले….(४)
ढोल नगाडा, बाजे मंजीरा,
शंखनाद है गाजे, मन का मयूरा,
होके दीवाना, आदिनाथ गुण गाए,
रंगों में रंग के, प्रभु के संगमें,
भक्तिरस में गुल जाए,
प्रभु मिलन की, बेला है आयी,
जात्रा सफल बनाए…(५)