मात-पिता कुल संघ-शासन का,
संयम लेकर मान बढाना,
साधना करके मोक्ष में जाकर,
मेरे प्रेम को अमर बनाना,
वेश प्रभु का पाकर बिटिया,
अपने जीवन को धन्य बनाना,
प्रभु के घर पर मैया का घर,
हस्ते-हस्ते छोड के जाना…(1)
छोड संसार को, मेरे घर द्वार को,
संयम पाना,जा री बिटिया
घर प्रभुजी का सजाना….(2)
तुम बिन सूनी मेरी कुटिया, ओ बिटिया,
तुम ही हो मेरी आंखो की निंदिया,
चिडिया आंगन की, गुडिया आंचल की,
संयम पाना,जा री बिटिया घर प्रभुजी का सजाना….(3)
लाडो अब तो गुरु ही तेरी मैया,
तेरे जीवन के गुरु ही खेवैया,
अपनी हर श्वास में, मन के विश्वास में,
गुरु को बसाना,जा री बिटिया घर प्रभुजी का सजाना….(4)
नन्ही गुन्ही मेरी गुडिया रानी,
वाह री कितनी हुई तुं सयानी,
शिवपद साधना में, आत्माराधना में,
जीवन बिताना, जा री बिटिया घर प्रभुजी का सजाना….(5)
बिटिया प्रभु संग जोडा तुं ने नाता,
रत्नकुक्षी बनी तेरी माता,
ओ मेरी लाडली, जिस गली तुं चली,
मुझे भी बुलाना, जा री बिटिया घर प्रभुजी का सजाना….(6)