मारी आश तुं छे, विश्वास तुं छे,
मुश्किल सफरमां, पण पास तुं छे,
आराधना तुज, आराध्य तुं छे,
तम-तिमिरमां पण, अजवास तुं छे,
तुज भक्तिनां रिमझिम ए धारे,
मारूं हृदयुं भींजे…
दीजे प्रभु प्रीतने दीजे,
दीजे तुज प्रीतने दीजे,
लीजे प्रभु तुज समीप लीजे,
लीजे तारी समीप लीजे…(१)
श्रद्धा तणुं संगीत तुं, मनमीत तुं,
दोषोथी दाझेल माठे, अतिशय शीत तुं,
दुख वाळवा बनी आवनारुं, स्मित तुं,
मुज हैयानुं अदकेरूं, गीत तुं,
मुक्तिनो पथदातार प्रभु तुं,
केम करीने रीझे…
दीजे प्रभु प्रीतने दीजे,
दीजे तुज प्रीतने दीजे,
लीजे प्रभु तुज समीप लीजे,
लीजे तारी समीप लीजे…(२)
तुं श्याम मारो, मीरा हुं तारी बनुं,
तुजमां हुं सुध-बुध खोईने,
जोगण बनूं, मुज प्रेमनी,
अभिव्यक्ति तुजथी हुं करूं,
आ अधिर नयणे, मिलननी आशा करूं,
तुज प्रीतमां पागल बनी,
भटके ना मन बीजे…
दीजे प्रभु प्रीतने दीजे,
दीजे तुज प्रीतने दीजे,
लीजे प्रभु तुज समीप लीजे,
लीजे तारी समीप लीजे…(३)