मनडुं अमारुं मुखडुं तमारूं,
जोवा रोज ललचाय छे,
नेम प्रेममां पागल आ,
मन वारवार बस गाय छे,
नेम नेम, सहारो नेम नेम,
किनारो नेम नेम, के मारो नेम…(१)
वर्षोंथी चाले तारा दर्शनी तपस्या,
नयनो अधीरा तारा दर्शनना तरस्या,
खोलो बारणुं, करावो पारणुं,
आनंद उरमां न माय छे,
नेम प्रेममां पागल आ,
मन वारवार बस गाय छे,
नेम नेम, सहारो नेम नेम,
किनारो नेम नेम, के मारो नेम…(२)
हीरनां चीर नेम रंगथी रंगाया,
रोम-रोम नेम प्रेमथी बंधाया,
गढ गिरनारे, चढ भावधारे,
जोई जग शरमाय छे,
नेम प्रेममां पागल आ,
मन वारवार बस गाय छे,
नेम नेम, सहारो नेम नेम,
किनारो नेम नेम,के मारो नेम..(३)