सूतो रह्यो, सूतो रह्यो, मोंघेरा
मानव भवमां, सूतो रह्यो…(१)
भव भ्रमणोना फेरा फरीने अहीं आव्यो,
अहीं आवीने हुं सूतो रह्यो,
पापोनो रंग लगावी आ जीवनमां,
शुद्ध आत्माने कदरूपो कर्यो…(२)
जीती गयो, जीती गयो, मोहराजा
आजे जीती गयो, हुं हारी गयो..
सूतो रह्यो, सूतो रह्यो, मोंघेरा
मानव भवमां, सूतो रह्यो….(३)
प्रभु वचनो ने ते पाड्या नहीं,
गुरु आज्ञाने नहीं मानी,
सूतो रह्यो… सूतो रह्यो….(४)
बहारथी सुंदर छे, अंदरथी खारो छे,
संसार सागरमां संयम किनारो छे,
मुक्ति पदने पामवानो, एक ज सहारो छे..(५)
कादव जेवा संसारनी अंदर खूंच्यो,
एमांथी नीकळवा गुरूवर सहारो,
विरतींनो रंग लगाडी आ जीवनमां,
शुद्ध आत्माने हवे उजळो कर्यो…(६)
जागी गयो, जागी गयो, आज
मारो आत्मा, जागी गयो..
सूतो रह्यो, सूतो रह्यो, गोंधेरा
मानव भवमां, सूतो रह्यो…(७)