गुरुवर मारा हेमजी, लागो छो प्रभुवर
जेमजी, मारा ऋषभजी पारसजी छो, वीरजी भारा नेमजी…(१)
तव धीरता, गंभीरता, ने निज स्वभावे
रमणता, नित साधनामां मन्नता, ने जापमां
एकाग्रता, ना छे रति, ना अरति, बस
साधता जे विरती, प्रत्येक जीवो माठे
उरथी, अनंत करुणा छलकती, रायण-क्षीर
झर्यु तमो पर, निकट मोक्षगामी तमे,
धन्यता अनुभवीए, गुरुवर आपने पामी
अमे, गुरुवर मारा हेमजी, लागो छो प्रभुवर जेमजी….(२)
भवसागरे आ नावलडी, नी जेमजी गुरु
हेमजी, चिंता रहे, मने केमजी? गुरु हेमनी
रहेमजी, पारसमणिनी जेमजी, करे लोहने ए
हेमजी, कृपा तमारी पामीने, थावुं तमारी
जेमजी, हेम प्रेमनो स्पर्श करीने, हेम
मारे थावुं छे, हेम वंशनो अंश थईने,
मोक्षे मारे जावु छे. गुरुवर मारा हेमजी,
लागो छो प्रभुवर जेमजी….(३)
जय-जय हो गच्छाधिराज, बंदु हेमप्रभ
सूरिराज… सहुना हृदयना महाराज,
वंदु हेमप्रभ सूरिराज..गुणगान गाईए आज,
वंदु हेमप्रभ सूरिराज..नीति सूरि समुदाय
शिरताज, वंदु हेमप्रभ सूरिराज…जुग जुग
जीवो तमे गुरुराज,बंदु हेमप्रभ सूरिराज…
जय हो हेमप्रभ सूरिराज,बंदु हेमप्रभ सूरिराज…(४)