Saiyam Tyagi No Rankar (Hindi)

Saiyam Tyagi No Rankar (Hindi)

संयम, त्यागीनो रणकार.. 

संयम, आतमने सुखकार.. 

संयम, मुक्तिनी रसधार..

 संयम, मारो तारणहार.. 

संयम, त्रिभुवनमां जयकार…..(१)

 

मारुं मन रंगायुं, छे संयम रंगमां, 

साधु थावुं छे, सिद्धारथ नंदना…

 माँ! मने आशिष आपो, मोह जंगमां,

 साधु थावुं छे, सिद्धारथ नंदना…

संयम, मारुं नंदनवन.. 

संयम, मारूं नवजीवन…(२)

 

श्रमण बनुं हुं ज्यारे माडी! 

मंगल मुजने धरजो, 

भवत्यागी भगवान बनुं हुं,

 एवा भावो भरजो,

 सद्गुरु चरणे मुजने धरता, 

मंगल कामना करजो, 

जग छोडी जगनाथ बनुं हुं, 

एवा आशिष धरजो, 

मारुं मन रंगायुं, छे संयम रंगमां..

. संयम, मारुं नंदनवन.. 

संयम, मारुं नवजीवन…(३)

 

रोज परोढे अढीद्वीपना,

 सर्व साधुने नमजो, 

ऊगे सूरज ज्यारे माडी, 

याद अमोने करजो, 

जे विरतिनो वेश धरूं छुं, 

एने वंदन करजो,

 मुनि बनी महावीर बनुं हुं, 

सत्व अनेरूं धरजो, 

मारुं मन रंगायुं, छे संयम रंगमां..

संयम, मारुं नंदनवन… 

संयम, मारुं नवजीवन…(४)

 

प्रभु मळ्या छे मुजने,

 जेनो पंथ मने मनगमतो,

 गुरु मळ्या छे मुजने, 

जेना हैये त्याग छे रमतो,

 आज थयो घंटारव माडी! 

प्रभु चरणमां धरजो, 

भव त्यागी भगवान बनुं हुं,

 एवा भावो भरजो, 

मारुं मन रंगायुं, छे संयम रंगमां..

संयम, मारूं नंदनवन..

 संयम, मारूं नवजीवन…(५)

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