Diwas Chhe Charso Ne Rushabh Jeeno Varso (Hindi)

Diwas Chhe Charso Ne Rushabh Jeeno Varso (Hindi)

दिवस छे चारसो, ने ऋषभजीनो वारसो,

 एवा मारा वर्षीतपना पारणे पधारशो…(१)

 

वैशाखी त्रीज तमे, हैये अवधारशो, 

दिवस छे चारसो, ने ऋषभजीनो वारसो, 

एवा मारा वर्षीतपना पारणे पधारशो….(२)

 

नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे, आदीश्वरजी

विचर्या’ता, खाली-खाली पाछा फरतां,

उपवासोने उचर्या’ता, पहेला तपस्वी

ऋषभजीने मानशो… एवा मारा

वर्षीतपना पारणे पधारशो…

दिवस छे चारसो…(३)

 

ईक्षुरसनी धाराने, होठ ऋषभनां स्पर्शया छे, 

शेरडीरसमां त्यार पछी, प्रेम-अमीरस वरस्या

छे,मधमीठां कळशोने, वहेलां पधरावशो..

 एवा मारा वर्षीतपना पारणे पधारशो..

 दिवस छे चारसो…(४)

 

मैं तो मारा ऋषभजीनां, नामे पगलुं 

मांडयुं छे, एक वर्ष ने एक मास, 

नाम आ प्राणथी बांध्युं छे, श्रेयांसराय बनी,

 पारणुं करावशो…. एवा मारा वर्षीतपना

 पारणे पधारशो… दिवस छे चारसो…(५)

 

अक्षयतृतीयानो आ डाळो, भक्तिथी भरपूर

छे, वर्षीतप जो थाय मारूं, तो जन्मारो मंजूर

छे, पारणुं करावी, पुण्य “उदय” प्रगटावजो…

 एवा मारा वर्षीतपना पारणे पधारशो… 

दिवस छे चारसो…(६)

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