महावीर की आध्यात्मिक शिक्षा
जिनशासन की अनुपम दीक्षा
गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी के आशीर्वाद से रौशनी बेन सोलंकी ने तपागच्छीय वल्लभ समुदाय में दीक्षा ग्रहण की। उनका नाम “साध्वी रश्मिप्रज्ञा श्री जी” रखा गया।
विशेष : नूतन दीक्षिता साध्वी जी केे सांसारिक भाई द्वारा लिखित समाज को जगाने वाला एक बहुत सुंदर पत्र। ज़रूर पढ़ें।
जब रौशनी बेन बन गयी साध्वी रश्मिप्रज्ञा”
दीक्षार्थी रौशनी बेन ने सिरोही में साध्वी वेश ग्रहण किया। उनकी इस दीक्षा का विरोध कर रहे उनके सांसारिक भाई ने समाज को सन्देश के रूप में वल्लभ वाटिका* को एक पत्र प्रेषित किया। वह पत्र आप सभी तक पहुंचाया जा रहा है।