वैरागी ने वंदन
वंदन हो अणगार ने
नन्ही सी कली
जिनशासन की बगिया मे खिली
कुमारी जसोदा १० साल की उम्र में आत्म जागृत होकर चली गुरूवर्या प्रवर्तिनी शशिप्रभा श्री जी के संग जागृतप्रभा श्री जी बनकर
*आज का दिन कैसा है सोने से भी बढ़कर है*
*बाडमेर की पुण्य धरा पर दीक्षा सपन्न हुई जय जिन शाशन वन्दन अनुमोदन*