Categories : Jain History Bhaktamber stotra history आचर्य श्री मंगतुंग जी मुनिराज ने जिस जेल के अंदर भक्तामर स्त्रोत की रचना की थी वो जेल आज भी भोजसाला के नाम से धहार जिला इन्दौर में हे।। पत्थर पर लिखा भक्तामर साफ नजर आता हे।।।। जय हो अचार्य मंगतुंग जी मुनिराज की… Related Articles This story dates back to the time when India and Pakistan partitioned in 1947 जैन धर्म की १६ महासतिया Jain temple in karnataka Kya dusshera jaino ka tyohar hai? Story of Sripal raja and Mayna Sundri