*मेहगांव में हुआ अद्भुत चमत्कार*
आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज जी के ससंघ 43 पिच्छी के सानिध्य …विशेष चमत्कार* :- भिण्ड नगरी में स्थित *भगवान श्री वर्धमान जी की समोशरण स्थली बरासो जी* से 2 पद्मासन जिन प्रतिमा 10 टन वजनी प्रतिमाये सर्वप्रथम *आचार्य श्री विराग सागर जी* के सानिध्य मे हुए भिण्ड में *श्री आदिनाथ जीमहापंचकल्याणक* में शुद्धि के लिए आई थी
किन्तु किसी कारण उन जिन प्रतिमाओं के संस्कार नही हो पाए,
फिर वो दोनों जिन प्रतिमा उदी में
आचार्यश्री विराग जी ससंघ,
आचार्य श्री दयासागर जी,
श्री सुन्दरसागरजीससंघ,
आचार्य श्री सौभाग्य सागर जी ससंघ,,
आचार्य श्री विनम्र सागर जी ससंघ सहित 108 पिच्छियों और
भट्टारक श्री चारुकीर्ति जी के सानिध्य में हुए *श्रीमहामृत्युंजय श्री आदिनाथ जी महा पंचकल्याणक महोत्सव* में एक बार फिर आई
किन्तु किसी कारण वश उन जिन प्रतिमाओं के संस्कार नही हुए,
लेकिन फिर जब ये दोनों जिन प्रतिमा मेहगांव पहुंची तो पहले दिन आचार्य श्री जिन प्रतिमा देख कर चले गये
फिर जब इन्हें बिना संस्कार के वापस भेजा गया तो *ट्रक अपनी जगह से हिला भी नही, जब लोगो ने जिन प्रतिमाओं को उठाने की कोशिश की तो प्रतिमा जी को कोई हिला भी नही सका, लाख प्रयासों के बाद भी जिन प्रतिमाये टस से मस भी नही हो रही है और ट्रक पर हीविराजमान है, जब आचार्य श्री को ये बात पता चलीतो उन्होंने ध्यान लगाया तो उन्होंने कहा कि ये जिन प्रतिमाये अब कही और नही जा सकती, ये अपने उचितस्थान पर आ चुकी है इसीलिए ये प्रतिमाये एक स्थान से दूसरे स्थान घूम रही है अब इन्हें यहीँ स्थापित किया जायेगा*
*अभी भी ट्रक पंचकल्याणक प्रांगण के बीच में जैसे का तैसा खड़ा है, मेहगांव के लोगो ने प्रतिमाओ की न्योछावर राशि देकर उन्हें अपना बना लिया तथा तुरन्त ही नये मंदिर जी के लिए जमीन खरीदकर उन जिन प्रतिमाओं के लिए मंदिर निर्माण का निर्णय लिया,और आगामी 2018 में उन दोनों जिन प्रतिमाओं के साथ नई चौबीसी जिनप्रतिमाओ के महापंचकल्याणक सम्पन्न होंगे,*
दोनों जिन प्रतिमाओं के प्रशस्ति स्थान पर कोई चिन्ह अंकित नही है इसलिए इन्हें कोई भी नाम नही दिया गया है