मंत्र : आपाद-कण्ठ-मुरुशृंखल-वेष्टितांगा, गाढं बृहन्निगड-कोटि-निघृष्ट-जंघाः । त्वन्नाम-मंत्र-मनिशं मनुजाः स्मरंतः सद्यः स्वयं विगत-बन्ध-भया भवंति ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : कारागार आदि बन्धन विनाशक |
Mantra For Destruction of All Diseases | सर्व रोगों का नाश मंत्र
मंत्र : उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः, शोच्यां दशा-मुपगताश्-च्युत-जीविताशाः । त्वत्पाद-पंकज-रजोमृतदिग्ध-देहाः, मर्त्या भवंति मकर-ध्वज-तुल्य-रूपाः ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : सर्व रोगों का नाश होता है। उपसर्ग भी दूर होते हैं।
Mantra For Fear Of The Sea | समुद्र का भय मंत्र
मंत्र : अम्भो-निधौ क्षुभित-भीषण-नक्र-चक्र- पाठीन-पीठ-भय-दोल्वण-वाडवाग्नौ । रंगत्तरंग-शिखर-स्थित-यान-पात्रास्- त्रासं विहाय भवतः स्मरणाद्-व्रजंति ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : समुद्र का भय दूर होता है। जल का भय भी समाप्त होता है।
Mantra For Savior And Conqueror In War | रक्षक और विजय दायक मंत्र
मंत्र : कुंताग्र-भिन्न-गज-शोणित-वारिवाह- वेगावतार-तरणातुर-योध-भीमे । युद्धे जयं विजित-दुर्जय-जेय-पक्षास्- त्वत्-पाद-पंकज-वना-श्रयिणो लभंते ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : युद्ध में रक्षक और विजय दायक
Mantra For War Deterrent | युद्ध भय निवारक मंत्र
Mantra For War Deterrent | युद्ध भय निवारक मंत्र वल्गत्तुरंग-गज-गर्जित-भीम-नाद- माजौ बलं बलवतामपि भू-पतीनाम् । उद्यद्-दिवाकर-मयूख-शिखा-पविद्धं, त्वत्कीर्त्तनात्-तम इवाशु भिदा-मुपैति ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : युद्ध भय निवारक
Mantra For Snake venom | सर्प विष निवारक मंत्र
Mantra For Snake venom | सर्प विष निवारक मंत्र रक्तेक्षणं समद-कोकिल-कण्ठ-नीलं, क्रोधोद्धतं फणिन-मुत्फण-मापतंतम् । आक्रामति क्रमयुगेन निरस्त-शंकस्- त्वन्नाम-नाग-दमनी हृदि यस्य पुंस ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : सर्प विष निवारक
Mantra For Fire prevention | अग्नि भय निवारक मंत्र
मंत्र : कल्पांत-काल-पवनोद्धत-वह्नि-कल्पं, दावानलं ज्वलित-मुज्ज्वल-मुत्स्फुलिंगम् । विश्वं जिघत्सुमिव सम्मुख-मापतंतं, त्वन्नाम-कीर्तन-जलं शमयत्य-शेषम् ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : अग्नि भय निवारक
Mantra For Leo Fear Deterrent | सिंह भय निवारक मंत्र
मंत्र : भिन्नेभ-कुम्भ-गल-दुज्ज्वल-शोणिताक्त- मुक्ताफल-प्रकर-भूषित-भूमिभागः । बद्ध-क्रमः क्रम-गतं हरिणा-धिपोपि, नाक्रामति क्रम-युगाचल-संश्रितं ते ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : सिंह भय निवारक
Mantra For Elephant Item Away | हाथी का मद दूर मंत्र
मंत्र : श्च्योतन-मदा-विल-विलोल-कपोल-मूल- मत्त-भ्रमद-भ्रमर-नाद विवृद्ध-कोपम् । ऐरावताभ-मिभ-मुद्धत-मापतंतं, दृष्टवा भयं भवति नो भवदा-श्रितानाम् ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : हाथी का मद दूर होता है |
Mantra For Enemy victory | शत्रु-विजय मंत्र
मंत्र : इत्थं यथा तव विभूति-रभूज्जिनेन्द्र, धर्मोप-देशन विधौ न तथा परस्य । यादृक् प्रभा देनकृतः प्रहतान्ध-कारा, तादृक्कुतो ग्रह-गणस्य विकासिनोपि ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : शत्रु-विजय
Mantra For The Description Of Spiritual Lakshmi | आध्यात्मिक लक्ष्मी का वरण मंत्र
आध्यात्मिक संपदा मंत्र : उन्निद्र-हेम-नवपंकजपुंज-कांती, पर्युल्लसन्नख-मयूख-शिखा-भिरामौ । पादौ पदानि तव यत्र जिनेन्द्र धत्तः, पद्मानि तत्र विबुधाः परि-कल्पयंति ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : आध्यात्मिक लक्ष्मी का वरण होता है |
Mantra For Anti-Skin Diseases | चर्म रोग नाशक मंत्र
मंत्र : छत्र-त्रयं तव विभाति शशांक-कांत- मुच्चैः स्थितं स्थगित-भानु-कर-प्रतापम् । मुक्ता-फल-प्रकर-जाल-विवृद्ध-शोभं, प्रख्यापयत्-त्रिजगतः परमेश्वरत्वम् ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : राज्य सम्मान दायक व चर्म रोग नाशक | चर्मरोग चिकित्सा मंत्र क्षिप ऊँ स्वाहा | मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला | प्रयोग विधि : शरीर पर हरे रंग का ध्यान करते…