Samyag Gyan Ke Panch Khamasamane (Hindi)

Samyag Gyan Ke Panch Khamasamane (Hindi)

सम्यगज्ञानके ५ खमासमणे

१)  समकित श्रद्धावंतने,

उपन्यो ज्ञान प्रकाश,

     प्रणमुं पदकज तेहना,

भाव धरी उल्लास,

    ॐ ह्रीं श्री मतिज्ञानाय नमो नमः ।इच्छामि खमा०

 

२)  पवयण श्रुत सिद्धांत ए,

आगम समय वखाण,

     पूजो बहुविध रागथी,

चरण कमल चित्त आण.

     ॐ ह्रीं श्री श्रुतज्ञानाय नमो नमः । इच्छामि खमा०

 

३)  उपन्यो अवधिज्ञाननो गुण

जेहने अविकार,

     वंदना तेहने माहरी

श्र्वासमांहे सो वार,

     ॐ ह्रीं श्री अवधिज्ञानाय नमो नमः । इच्छामि खमा०

 

४)  ए गुण जेहने उपन्यो,

सर्व विरती गुण ठाण,

      प्रणमुं हितथी तेहना ,

चरण कमल चित्त आण.

     ॐ ह्रीं श्री मन पर्यवज्ञानाय नमो नमः । इच्छामि खमा०

 

५)  परम ज्योति पावन करण ,

परमातम परधान,

      कैवलज्ञान पूजा करी

पामो केवलज्ञान.

     ॐ ह्रीं श्री केवलज्ञानाय नमो नमः । इच्छामि खमा०


(ज्ञान के उत्कृष्ट ५१-खमासमणे

देते यही दोहे बोले)

अर्थात् : १) मतिज्ञान के २८ भेद

         होने से २८ खमा०

            २) श्रुतज्ञान के १४ भेद

          होने से १४ खमा०

             ३) अवधिज्ञान के भेद

         होने से ६ खमा०

                 ४) मनःपर्यवज्ञान के भेद

         होने से २ खमा०

            ५) केवलज्ञान के भेद

           होने से १ खमा०

                  कुल मिलाकर आन

                  के ५१ भेद

                 होने से ५१ खमा०

                 देने चाहिए…

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