Fagan sud 13 history

Fagan sud 13 history

Fagan sud 13 history

6 Gaau Ni Yaatra Nu Mahatav

Bhaadwa Giri Je Shatrunjay Nu 5mu Shikhar Che Ena Uparthi

 

Shri Krishna Putro Shaamb Ane Pradhyuman 8.5 Karod Muni Raaj Sathe

Mokshe Sidhavya Hata A Giri Ni Sparshana Karvanu Mahatva Che

1 Var Dwarka Nagri Ma NEMI NATH PRABHU Padharya Tyare

Shri Krishna A Puchyu K Dwarka No Swabhavik Naash

Thashe K Nimitt Thi? Tyare Prabhu A Kahyu K Dwaipaayan Rushi Na

Niyaana Thi Dwarka Bhasmibhut Thai Jashe

Prabhu Ni Aavi Deshna Saambhli Vairaagi Banela Shaamb,

Pradhyuman Vagere Anek Yadavo A Diksha Grahan Kari

Dwarka Nu Dahan, Krishna Nu Maran Aadi Vato Sambhli Ne Pradhyuman

Muni Ati Ghor Tap Karva Laagya Athham, Laghusinhaa Nishkridi Tap

,Maha Sinha Nishkridi Tap, Padmottar Tap, Maha Bhadra,

Sarvatobhadra,Ekaavali, Mukataavali, Ratnaavali, Sarvaang Sunder Etc

. Tapo Dwara Kaaya Ne Kasi Banne Bhaio Anitya, Asharan,

Sansaar Aadi Bhavnao Ne Mann Ma Vaasit Karta Karta Shatunjay

Giri Raj Upar Potana Vishal Parivar Sahit Padharya Tyaan Bhaadwa

Dunger Par Teo A Anshan Swikaryu Tyan Faagan Sud 13na Divase

8.5 Karod Munio Sathe Ghaati Karmo No Kshay Kari

Kevalgyan Paamya Tyar Baad Antah Muhurat=48minits

Pachi Shesh 4 Ghati Karmo No Kshay Kari Badha Mokshe Sidhavya

SHATRUNJAY MAHAATMAY SAAR Mathi Saabhar

 

Let make history :-
*Dress code for gents white & white
*For ladies which suit the place of thirth preferred white

(pls no jeans – tshirt -capry)
*make decision to start yatra after 5:30am


*no mobiles at thirth if not needed


* helping the hands to swavyam Shevak


*no foods on Palitana pilgrim to maintain its important


*Teras yatra 4 main places


1 Adeshwar dada Darshan


2 Chandan talavdi


3 Bhadwa Dungar Shamb pradhyuman charan paduka darshan


4 main yatra is only complete after Darshan of Shiddhvad derasar

(complete yatra by following by doing so)


* no food before Darshan of Shiddhvad derasar

 

( not even where prabhavna is distributed it is place where

yatra is not complete and included in premise to

 

complete fagun sud Teras yatra of palitana

 

कितने सालों से चली आ रही है ?
छ गाउं की यात्रा में कौन से स्थल आते है ।
यानी मंदिर .
भगवान नेमिनाथ के
समय हुवे हुए।
कृष्ण महाराजा के
पुत्रों में शाम्ब और प्रध्युमन
नाम के दो पुत्र थे।
भगवान नेमीनाथ की पावन वाणी सुनकर
शाम्ब -प्रध्युमन जी को वैराग्य हुआ।
भगवान के पास दीक्षा लेकर
परमात्मा की आज्ञा लेकर
शत्रुंजय गिरिराज के उपर
तपस्या और ध्यान करने लगे ।
अपने सभी कर्मो से
मुक्त होकर फागण सुदी तेरस के दिन शत्रुंजय गिरिराज के भाडवा के पर्वत के ऊपर से मोक्ष – मुक्ति पाये थे।
उन्हीं के दर्शन करने के लिए .
लगभग
84 हजार वर्षों से
यह फागण के फेरी चल रही है .
फागण के फेरी में आते हुए
दर्शन के स्थल.
दादा के दरबार मे से
निकल ने बाद
रामपोल दरवाजे
छ गाउ की यात्रा प्रारंभ होती है .
उसमें 5 दर्शन के स्थल है
1 – 6 गाउ की यात्रा प्रारंभ होती ही 100 पगथिया के बाद ही
देवकी माता के 6 पुत्र का
समाधि मंदिर आता है
वो यहा मोक्ष गयें थे .
[कृष्ण महाराज के 6 भाई का मंदिर]
2- उलखा जल नाम का स्थल आता है .
(जहां दादा का पक्षाल आता है ऐसा कहते हे वो स्थल )
यहां पर आदिनाथ भगवान के पगले है
3- चंदन तलावडी आती है
यहां पर
अजितनाथ और शांति नाथ के
पगले है .
चैत्यवंदन मे अजितशांति बोलते है
और
चंदनतलावडी पर नो लोग्गस का काउस्सग करते है .
अगर लोग्गस नहीं आता हो तो 36 नवकार मंत्र का जाप करने का .
4- भाडवा का डुंगर
पर शाम्ब प्रध्युमन की देरी
यानी मंदिर आता है.
इसी के ही दर्शन का महत्व है .
आज के दिन .
यहाँ मंदिर मे पगले है .यहां चैत्यवंदन करने का होता है .
5- सिद्ध वड का मंदिर यह मंदिर
(पालके अंदर ही है) यहां पर आदिनाथ भगवान का मंदिर है.
यह पांचों स्थल पर चैत्यवंदन करने होता है .
और
जयतलेटी – शांतिनाथ –
रायण पगला- आदिनाथ दादा – पुंडरीक स्वामी यह भी पांच स्थल पर चैत्यवंदन करने का होता ही है
यात्रा करो तो
विधि विधान के साथ .

हम फागुनी तेरस करने जाते हे
लेकिन हमें इस इतिहास की जानकारी नही है कि फागुनी तेरस क्यों की जाती है।
आप भी जाने और अपने साथियों को भी बताए

Chalo palitana jai giriraj jai giriraj 10th March 2017 fagan feri 6gao yatra

Related Articles