Categories : Jain Mantra, JAINISM Mantra For Anti-harm prevention | शत्रुकृत-हानि निरोधक मंत्र मंत्र : को विस्मयोत्र यदि नाम गुणैरशेषै, स्त्वं संश्रितो निरवकाश-तया मुनीश । दोषै-रुपात्त-विविधाश्रय-जात-गर्वैः, स्वप्नांतरेपि न कदाचिद-पीक्षितोसि ॥ मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला परिणाम : शत्रुकृत-हानि निरोधक Related Articles Mantra For Abdominal Therapy | उदर चिकित्सा मंत्र Mantra For Healing | आरोग्य मंत्र Mantra For Universal Victory | सर्वत्र विजय मंत्र Mantra For Victory Supplier | विजय प्रदायक मंत्र Mantra For Dread Deterrent | भय निवारक मंत्र