मंत्र :
उच्चैर-शोक-तरु-संश्रित-मुन्मयूख-
माभाति रूप-ममलं भवतो नितांतम् ।
स्पष्टोल्लसत-किरणमस्त-तमोवितानं,
बिम्बं रवेरिव पयोधर-पार्श्ववर्ति ॥
मंत्र संख्या : प्रतिदिन 1 माला
परिणाम : मनोरथ सिद्ध होते हैं। सौभाग्य, कीर्ति और लक्ष्मी की वृद्धि होती है।