पार्श्वनाथ भगवान आरती |Parshvnath Bhagvan Aarti
मैं तो आरती ऊतारूँ रे, पारस प्रभुजी की,
जय-जय पारस प्रभु जय-जय नाथ॥
बड़ी ममता माया दुलार प्रभुजी चरणों में
बड़ी करुणा है, बड़ा प्यार प्रभुजी की आँखों में,
गीत गाऊँ झूम-झूम, झम-झमा झम झूम-झूम,
भक्ति निहारूँ रे, ओ प्यारा-प्यारा जीवन सुधारूँ रे।
मैं तो आरती ऊतारूँ रे, पारस प्रभुजी की॥
सदा होती है जय जयकार प्रभुजी के मंदिर में … (२)
नित साजों की होर झंकार प्रभुजी के मंदिर में … (२)
नृत्य करूँ, गीत गाऊँ, प्रेम सहित भक्ति करूँ,
कर्म जलाऊँ रे, ओ मैं तो कर्म जलाऊँ रे,
मैं तो आरती ऊतारूँ रे, पारस प्रभुजी की॥