पारसनाथनी शीतल छाया,सदगुरुदेवनी
लागी छे माया, रहेवुं देवना श्री चरणमां,
आवो परम समर्पणम् उपधान तपमां…
परम समर्पणम्… परम समर्पणम्…
सदगुरु भगवंतना चरणे, परम समर्पणम्… (१)
सदगुरूनां चरणे रेहवानो, अवसर छे
आव्यो,परम समर्पणम् उपधाननो,
उत्सव छे आव्यो, गुरुकुलवासे रहेवानी,
छे अहीं मजा,कलिकुंड दादानी,
वरसे छे अमीझरा,प्यारा प्रभुना
चरणे रहेवानो,आजे आ सुंदर
अवसर (आव्यो)…..परम समर्पणम्…
परम समर्पणम्… सदगुरु भगवंतना
चरणे, परम समर्पणम्… (२)
सुख सघळा बहारना छोडी, अंतरनां
सुखने शोधवा,गुरुकुलवासमां रोजे रहीने,
संयम सुखने पामवा,गुरु आणामां
जीववानो,अवसर छे आव्यो,
सदगुरूनां वचनोमांभींजावानो,
उत्सव आव्यो, प्यारा प्रभुना चरणे
रहेवानो,आजे आ सुंदर अवसर
(आव्यो)….परम समर्पणम्…
परम समर्पणम्…सदगुरु भगवंतना
चरणे, परम समर्पणम्… (३)
“ धून”
यशस्वी मुनि जीवननुं, सुख अहीं मळशे..
(हा मळशे)सदगुरू चरणे रहेवानुं,
शमणुं फळशे.. (हा फळशे)
कैवल्य सुखनो आस्वाद, अहीं छलकाशे,
मोक्षमाळा पहेरी आतम, मारो मलकाशे,
मोक्षमाला परिधाननो, रूडो महोत्सव
आजे (आव्यो)…परम समर्पणम्…
परम समर्पणम्…सदगुरु भगवंतना
चरणे, परम समर्पणम्…(४)