आज आनंद अंग अंग जाग्यो जाग्यो,
आज आंगण गुलाल रंग लाग्यो लाग्यो…
जिनशासन सोहे, वीर मन मोहे, (२)
थाक भव भवनी यात्रानो भाग्यो भाग्यो, (२)
आज आनंद अंग अंग… (१)
प्रभु बोध आपे, प्रभु कर्म कापे, (२)
भ्रम भोगनी भूख नो भाग्यो भाग्यो, आज आनंद अंग अंग… (२)
धजा ऊंचे खेले, हैयां चढे हेले, (२)
मारा महावीरथी मोक्ष में तो मांग्यो माग्यो,
आज आनंद अंग अंग… (३)
गिरनार सुंदर, नेम अति सुंदर,
कर्णविहार सुंदर नेम अति सुंदर,
नेमनाथना दरबारे शंख वाग्यो वाग्यो, आज आनंद अंग अंग… (४)