आजे संयम शरणाई वागे रे, मारा अंतरना आंगणीये,
आजे सोनानो सूरज उग्यो रे, मारा जीवनना बारणीये,
साज एवा सजुं, मोह माया तजुं, अक्षयपथ पर जावाने…(१)
मने आपोने, संयम प्यारूं, मने आपोने, संयम न्यारूं…..
हवे आपोने, संयम सारूं, मने आपोने…
मांगु संयमने, मांगु संयमने, मारा गुरुवरनी पासे रे,
मांगुं ओघो रे, मांगु ओघो रे, मारा गुरुवरना हाथे रे…(२)
कलाकारी एवी दुनियानी जोई, भूल्यो भान मारो आत्मा,
प्यारा गुरुवरनी सुणी वाणी मीठी, जागी छे मारी भावना,
मळ्यो उत्तम भव मने, एने उजाळुं जल्दि हवे,
महावीरना मारगनो, प्यारो पंथ जड्यो छे मने,
क्रिया नंदि करूं, गुरु आणा ग्रहूं, रजोहरण लईने नाचवाने,
मने आपोने, संयम प्यारूं….(३)
विरति क्यारीनी शीतळता, प्यारी आतमना आनंदमां,
जीववानी मजा स्वाध्याये सदा, रहेवाने निजानंदमां,
एवा योगी बनवानो, आयो संयोग रुडो आजे,
एवा पंचम स्थानमां हवे, “अंकित” थवाने काजे,
मम मुंडावेह, मम पव्वावेह, मम वेषं सम्मप्पेह कहेवाने,
मने आपोने संयम प्यारूं…..(४)