Aaje Tan- Man Sahuna Dolai Chhe (Hindi)

Aaje Tan- Man Sahuna Dolai Chhe (Hindi)

आजे तन-मन सहुना डोलाय छे,
आजे रोमे-रोमे राजीपो जणाय छे,
आजे नगरी आखीए हरखाय छे,
जेना दर्शन काजे, नेह तरसी रह्या छे,
ए पधारे छे… जे गुरु महाराजे,
उपकारो कर्या छे, ए पधारे छे…(१)

 

गुरु ए करावी धर्म सगाई,
ने चैतन्य जीवनमां लावी,
डंख पापोनो उभो करावी,
डुबती अमारी नैया बचावी,
ए गुरुवरना ऋण-स्मरणनो,
अवसर ना एके छोडाय,
आजे वर्षो पछी आ संभळाय छे,
फरी गुरु-आगमन चर्चाय छे,
मारुं मन झुमी-नाची मलकाय छे,
जेना दर्शन काजे….(२)

 

मारा व्हाला गुरुराज,

सहुना प्यारा गुरुराज..
आप वहेला रे पधारो,

मारे आंगण गुरुराज.. (३)

 

गुरुजी अमारो अंतर्नाद,

आपो आशिर्वाद,
गुरुजी पधारोने फरीवार,

भक्तोनी छे साद…(४)

 

नतमस्तक छे दुनिया आंखी, जेना चरणोमां,
वंदन करता देवोपण जे, वेषने साधुना,
आजे दुनियामां जे वखणाय छे,
जेनी साधुताना गुणला गवाय छे,
पंचमहाव्रतधारी ए कहाय छे,
जेना दर्शन काजे…..(५)

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