आत्मोद्वार जीवननो सार, संयम लई करवो उध्धार,
अभयदान मारो छे प्राण, स्वाध्यायमां आनंद अपार,
रजोहरण मारो छे श्वास, गुरु आज्ञा शिरे सवार,
संयम स्विकार… गुरुदेव वरस तुं धोधमार…..(१)
संयम जीवन अंग-अंग उमंग, कर्मोनी संग करवी छे जंग,
साधना संग कर्मो नीकंद, संतोनी संग अनहद उमंग,
संयमी संग साहस अभंग, छे संयम जीवन पडघम प्रभात,
संयम स्विकार… गुरुदेव वरस तुं धोधमार…(२)
कल्पंत रंग हैये उमंग, नाचे छे आज मुज अंग-अंग,
वैराग्य संग पापोनो भंग, शूरवीर प्रसंग संयमनो रंग,
सूरिराम, जग्गचंद्रसूरि, सुरेन्द्रसूरि गुरुवर सर्वसार,
संयम स्विकार… गुरुदेव वरस तुं धोधमार ….. (३)
गुरुकुलवास आतम उल्लास, संतोनो साथ भीतर उजास,
विरती विचार भक्तिनी धार, अंतरनी आश संयमनी प्यास,
अंतर पुकार आतम जगाड, दीक्षार्थीने वंदन लाख वार,
संयम स्विकार… गुरुदेव वरस तुं धोधमार…(४)