Aavo re Aavo re Virati Vivah| Jain Diksha Song| Hindi Lyrics

Aavo re Aavo re Virati Vivah| Jain Diksha Song| Hindi Lyrics

आवो रे आवो रे विरति विवाह (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत

आवो रे आवो रे विरति विवाह की मठरीया (2)

संयम सगपन की लहराई है चुनरियाँ (2)

तुम आवो रे आवो रे गुण गावो रे गावो रे 

संयम रसिया , आनंद रसिया

आवो रे आवो रे विरति विवाह की मठरीया

आवो रे आवो रे आवो….

आँगन को है हमने सजाया सोनल सूरज के किरणो से, 

राह निरखते बैठे हैं हैम हरख भरे ये नैनो से ,

अवसर है आज सुहाना (2)

पावन करना चरणों से ,

चलना है हमें तो सिद्धशिला की शिखरीया ,(2)

तुम आवो रे आवो रे गुण गावो रे गावो रे ,

संयम रसिया , आनंद रसिया,

आवो रे आवो रे विरति विवाह की मठरीया, 

आवो रे आवो रे आवो

शाहीबाग कि कण कण में गूँजे हैं नाम हे वो सुरीराम, 

आतम कि दिशा बतलातें कल्याण का है मंगल धाम ,

पार्थ और झील का शुरू हुआ संगीत (2) 

साधना की सरगम से 

महक उठेगी तुमसे हमारी डगरिया (2)

आवो रे आवो रे विरति विवाह की मठरीया

आवो रे आवो रे आवो

राजनगर के नंदनवन सम उपवन के ये उत्सव की 

घर घर मैं खुशियां है छायी संयम सगपन महोत्सव की 

मंगल पल में आयो साजना (२ )

आशीष दियो अंतर से 

सुनहर मनहर आया है अवसरिया ,

रिमज़िम आनंद बरसे है झरमारिया,

तुम आवो रे आवो रे गुण गावो रे गावो रे ,

संयम रसिया , आनंद रसिया, 

आवो रे आवो रे विरति विवाह की मठरीया

आवो रे आवो रे आवो

Related Articles

Jeetbuzz

Jeetwin