आव्या आव्या पर्व पर्युषण
आव्या आव्या पर्व पर्युषण
धाता धाता आया रे
तपस्या थे करो मुंगा मोल री…
आव्या आव्या पर्व …(१)
पुजा करसो धर्म भाव सु,
दया जीवो री करशों नी….२
व्याख्याण सुनो थे शुभ भाव सु…
आव्या आय्या पर्व…(२)
जिनशासन रो पर्व पर्युषण
आठ दिवस ओ रेवे रे…२
पंचम दिवस पारणुं आवे रे…
आव्या आव्या पर्व….(३)
वरघोडा रो रंग निरालो
जिनशासन री शोभा रे…२
मंगल गीतो गावो थे तो नाचो रे…
आव्या आव्या पर्व….(४)
संवत्सरी खमत खामणा,
सहु जीवोनी करशोजी…२
क्षमा मांगीने, क्षमा आपजो…
आव्या आव्या पर्व….(५)
कदी मारो विरो आवे,
बेन वाटो जोवे रे…..२
खोड भरावे मुंगा मोल री…
आव्या आव्या पर्व….(६)
देव गुरूनी कृपा वरसे,
मास क्षमण तप कीनों है…२
शासन देवी शत आपजो…
आव्या आव्या पर्व…(७)