आई बसो भगवान… मेरे आई बसो भगवान…
में निर्गुणी इतना मागत हुं, होवे मेरा कल्याण… मेरे मन… (१)
मेरे मन की तुम सब जानो, क्या करूं आप से ब्यान;
विश्व हितैषी दीन दयाळुं, रखीये मुज पर ध्यान… मेरे मन… (२)
भोगाधीन होवत मन मेलं, बिसरी तुम गुण गान;
वहां से छुडावो हृदये आई, अरिभंजक भगवान… मेरे मन… (३)
आप कृपा से तर गये केई, रह गया में दर्दवान;
निगाह रखके निर्मळ कीजिये, धनवंतरी भगवान… मेरे मन… (४)
श्री शंखेश्वर पार्श्व जिनेश्वर, दीजिये तुम गुण गान;
इनही सहारे चिद्धन देवा, बनूंगा में आप समान… मेरे मन… (५)